CHIRAG PASWAN:सुपरहिट राजनीती करियर के साथ कैसा था चिराग पासवान का फिल्मी करियर
CHIRAG PASWAN:सुपरहिट राजनीती करियर के साथ कैसा था चिराग पासवान का फिल्मी करियर

चिराग कुमार पासवान (chirag paswan)  एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा लोक जनशक्ति पार्टी के राजनेता है और अभिनेता हैं। वे भारत के बिहार राज्य जमुई लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद है। उनके पिता रामविलास पासवान भी भारत के एक प्रसिद्ध राजनेता थे।चिराग पासवान ने बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस से बीटेक की डिग्री ले रखी है। उन्होंने फैशन डिजाइनिंग का भी कोर्स किया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने साल 2003 में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग से 10वीं और 12वीं की शिक्षा हासिल की।

मोदी कैबिनेट में शामिल हुए मोस्‍ट बैचलर 41 वर्षीय चिराग पासवान गूगल पर सबसे अधिक ट्रेडिंग चल रहे हैं।चिराग पासवान ने केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला।बिहार के एलजेपीआर प्रमुख और जाने माने राजनीतिज्ञ स्वर्गीय रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान को मोदी 3.0 के कैबिनेट में जगह मिली है. उन्होंने पद की शपथ लेकर मंत्री के तौर पर डेब्यू किया है. उन्हें खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है. इस बार चुनाव में इनकी पार्टी ने उम्दा प्रदर्शन किया.Bihar की हाजीपुर सीट, उनके पिता की परंपरागत सीट रही है, जहां से दिवंगत राम विलास पासवान 9 बार सासंद बने थे. अब उनके बेटे चिराग पासवान पिता की सीट से जीतकर मंत्री बने हैं

किंजरापु राम मोहन नायडू: राजनीति में अप्रत्याशित प्रवेश। इसने 41 वर्षीय पासवान को एक नया राजनीतिक दल, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) बनाने के लिए मजबूर किया, जिसने 2024 के लोकसभा चुनावों में लड़ी गई सभी पांच सीटों- हाजीपुर, जमुई, खगड़िया, समस्तीपुर और वैशाली में जीत हासिल की।

चिराग के पिता रामविलास पासवान एक प्रसिद्ध राजनीतिक हस्ती थे, जिन्होंने 11 बार लोकसभा चुनाव लड़ा और नौ मौकों पर जीत हासिल की। उन्हें छह प्रधानमंत्रियों के साथ काम करने का अनुभव था, उन्होंने पांच बार मंत्री पद संभाला और तीन प्रधानमंत्रियों के अधीन विभिन्न विभागों का प्रबंधन किया। अपने शक्तिशाली पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए चिराग पासवान अब पहली बार केंद्र में मंत्री पद संभाल रहे हैं।

सुपरहिट राजनीती करियर के साथ कैसा था चिराग पासवान का फिल्मी करियर

बॉलीवुड और राजनीति का हमेशा से एक अलग अटूट बंधन रहा है। फिल्मों में नाम कमाने के बाद से बहुत से सितारे राजनीति की ओर चले गए और वहां सफल पारी भी खेली। हालांकि कई बार ऐसा भी देखने को मिला कि फिल्मों में कमाल दिखाने वाले सितारे राजनीति में ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाए और हाथ जोड़कर दोबारा फिल्मों में आ गए। कुछ सितारे अभी भी राजनीति में सक्रिय हैं।हालांकि रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान दोनों ही रूप में असफल साबित होते नजर आए हैं।

CHIRAG PASWAN:सुपरहिट राजनीती करियर के साथ कैसा था चिराग पासवान का फिल्मी करियर
CHIRAG PASWAN:सुपरहिट राजनीती करियर के साथ कैसा था चिराग पासवान का फिल्मी करियर

फिल्मों में हुए थे असफल अब पार्टी में भी दरार

चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोक जनशक्ति पार्टी बिहार में एक बार फिर से टूट का शिकार हुई है। दरअसल बिहार विधानसभा चुनाव के बाद से ये दूसरी बार हुआ है जब पार्टी के सदस्यों ने अपने ही सुप्रीमो का साथ छोड़कर दूसरे पार्टी से हाथ मिला लिया हो। हाल ही में रविवार की देर शाम हुई सियासी हलचल से साफ हो गया है कि पार्टी के छह में से पांच सांसदों ने चिराग पासवान को अपना नेता मानने से ही इनकार कर दिया है। बॉलीवुड में असफलता पाकर राजनीति में सक्रिय हुए चिराग पासवान को यहां भी बड़ी असफलता का सामना करना पड़ा है।

चिराग के बॉलीवुड करियर की बात करें तो उन्होंने साल 2011 में फिल्म ‘मिलें ना मिलें हम’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। राज्यसभा सांसद रामविलास पासवान के बेटे होने के नाते बॉलीवुड में उनकी एंट्री काफी चर्चा में आई थी। उनके गुड लुक्स के कारण भी उन्हें काफी लोकप्रियता मिली थी। इस फिल्म में कंगना रणौत, सागरिका घाटगे ने भी अहम भूमिका निभाई थी। अनुज सक्सेना के निर्देशन में बनी ये फिल्म पूरी तरह से चिराग पासवान पर ही आधारित थी। हालांकि ये फिल्म पर्दे पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। इस फिल्म में चिराग कंगना संग रोमांस करते नजर आए थे। आज जहां कंगना आज बड़ी स्टार बन चुकी हैं तो वहीं चिराग बॉलीवुड छोड़ सियासी पारी खेल रहे हैं। बता दें कि फिल्मों में खास करियर ना देखते हुए चिराग पासवान ने अपने पिता रामविलास पासवान की तरह राजनीति की ओर रुख करने का फैसला किया था। उन्होंने साल 2014 में राजनीति में कदम रखा।

चिराग ने साल 2014 के आम चुनाव में बिहार की जमुई लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। इस सीट पर उन्होंने आरजेडी के प्रत्याशी सुधांसु शेखर भास्कर को हराकर शानदार जीत हासिल की थी। इसके बाद चिराग पूरी तरह से राजनीति में सक्रिय हो गए और बॉलीवुड से दूरी बना ली थी।

बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान का पिछले साल 8 अक्तूबर को लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया था। उनके निधन के बाद से पार्टी की कमान चिराग पासवान के हाथ में आ गई थी। हालांकि चिराग के बागी तेवर और हीरो वाली छवि को चलते उनकी पार्टी में उठापटक चलती रही। चिराग के मनमर्जी से लिए जा रहे फैसलों से सांसद लंबे समय से नाराज चल रहे थे।
वहीं इसके चलते अब पार्टी में हुई बगावत के बाद सभी नेताओं ने चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस को अपना नेता मान लिया है। वहीं माना जा रहा है कि बागियों का नेतृत्व करने वाले चिराग पासवान के चारा पशुपति कुमार पारस इस मामल के लेकर सार्वजनिक तौर पर बात करेंगे।